मरा हुआ समझकर जिसे पानी में बहा दिया 20 साल बाद वो ज़िंदा लौटकर आया।

मुबारकपुर(आजमगढ़)।अभी हाल ही में आजमगढ़ जिले के एक छोटे से गांव में एक ऐसी घटना सामने आई है ।जिसे सुन आप हैरान हो जायेंगे। यह घटना बिल्कुल फिल्मी लगती है। लेकिन पूरी तरह से सच है। जिस बेटे को माता-पिता ने 20 साल पहले मृत समझ कर नदी में प्रवाहित कर दिया था ।आज वह उनके सामने जीवित खड़ा है।यह घटना जिले के ​मुबारकपुर थाना क्षेत्र के पाही गांव की है।करीब 20 साल पहले सांप के काटने से जिस बालक की मौत हो गई थी, वह युवक के रूप में जिंदा होकर लौटा है। उसके शरीर पर बचपन में जलने के निशान से घरवालों ने पहचान करके उसे गले से लगा लिया। इस घटना की क्षेत्र में चर्चा है। पाहीं गांव दलित बस्ती में छह वर्ष के एक बालक दीपक को 20 वर्ष पूर्व सांप ने काट लिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने उसे केले के पत्ते पर लैटाकर तमसा नदी में प्रवाहित कर दिया। लेकिन 20 वर्ष बाद वही बालक जिंदा होकर लौटा और अपने मां-बाप के पैरों से लिपट गया।दीपक ने बताया कि वह मऊ बनदेवी में एक साधू के यहां रहता था। वहीं पर पला बढ़ा और वहां से वह मजदूरी करने आसपास के क्षेत्रों में जाया करता था। तीन वर्ष पूर्व उक्त साधू का निधन हो गया। उसके बाद वह वहां से मुबारकपुर आ गया और मजदूरी करने लगा। जहां मजदूरी करता था और वहीं सो जाता था।

(अपने परिवार के साथ पीली टी शर्ट पहने खड़ा है दीपक)

मुबारकपुर में मजदूरी करने के दौरान ही उसकी मुलाकात पाही गांव के एक मजदूर राजेंद्र से हुई। दीपक ने राजेंद्र से अपनी पूरी दास्तां को बयां किया। राजेंद्र को 20 वर्ष पहले की घटना मालूम थी। वह मजदूरी करके जब घर पहुंचा तो सीधे दीपक के घर पहुंचा। उसने दीपक के पिता अनिल और माता बिंदु को इसकी जानकारी दी।अनिल और बिंदु शनिवार को मुबारकपुर पहुंचकर उससे मिले। पहचान की पुष्टि के लिए उसके शरीर पर बचपन में जलने का निशान देखा और उसे गले से लगा लिया।यह एक चमत्कार कहे या कुछ और पर कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता हैं।जो हम विश्वास नही करते हैं।पर सच होता हैं।

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