शिव सरोज कुमार की घटना से उठ रहे हैं कई सवाल जनता में हैं आक्रोश।
धनबाद के युवक ने रांची सेवा सदन अस्पताल के सामने लगाई फांसी, सुसाइड नोट से हिला पुलिस महकमा।
धनबाद। पुलिसिया जाँच और कार्रवाई के नाम पर आम लोगो को परेशान किये जाने का सच एक बार फिर से सबके सामने आया है।इस सच का पता एक युवक के फांसी लगाने के बाद उसके सुसाइड नोट से चला जो पीएमओ, झारखंड के डीजीपी, आईजी, निगरानी आईजी, सीआईडी आईजी, डीआईजी, एसएसपी और सिटी एसपी सहित 14 लोगों को भेजा गया था.
रांची सेवा सदन अस्पताल के सामने पार्किंग में गुरुवार को एक युवक की लाश बरामद की गई. लाश पेड़ से लटक रही थी. युवक की पहचान धनबाद निवासी शिव सरोज कुमार के रूप में की गई है. पुलिस को स्टेशन रोड से बीते 30 जुलाई की रात सरोज मिला था.
उसने कुछ स्कॉर्पियो सवार द्वार खुद को अगवा करने की बात कही थी. पुलिस ने उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया. वहां से छुट्टी होने के बाद से उसका कुछ पता नहीं था.
पूछताछ में सरोज ने खुद को आईबी ऑफिसर बता कर अपना परिचय दिया था. जांच के बाद खुद को आईटी ऑफिसर बताने लगा. उसने बुधवार को सुसाइड नोट ईमेल करने के बाद अपना मोबाइल फोन स्वीच ऑफ कर लिया.
उसके पिता से फोन पर पुलिस ने संपर्क किया तो उन्हें भी युवक के बारे में जानकारी नहीं थी. गुरुवार सुबह उस्की लाश मिली. फिलहाल पुलिस इसे आत्महत्या मानकर ही जांच कर रही है।
*सुसाइड नोट में लिखी हुई बातें,गौर से पढ़िए क्या लिखा हैं*
उसने सुसाइड नोट में लिखा है कि वो पासपोर्ट के काम से रांची पहुंचा था. उसके अनुसार, वो होटल रेडिएंट में रुका था. 30 जुलाई को जब वो खाना खाने निकला तो उसे कुछ लोगों ने अगवा कर लिया. और बेहोश कर लूटपाट की गई, इसके बाद बड़ा तालाब के पास उसे छोड़ दिया.
पुलिस ने उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया. वहां से छुट्टी लेकर घटना की जानकारी देने जब चुटिया थाना पहुंचा तो पुलिस ने उसे प्रताड़ित किया. उसके सामने पिता का कॉलर पकड़ा. थानेदार अजय कुमार वर्मा और डीएसपी ने अपराधियों की तरह पूछताछ की. इन बातों को लिखते हुए उसने पिता को बचाने की भी गुहार लगाई है.
*मृतक शिव सरोज ने कुछ सवाल पीछे छोड़ जिनका जवाब जनता जरूर जानना चाहेगी*
1. क्या पुलिस को गाली देकर बात करने का अधिकार है?
2. सामान्य लोगों को रेस्पेक्ट क्यों नहीं मिलता हैं थाने में?
3. वे हमारे प्राब्लम दूर करने के लिए है या प्राब्लम बढाने के लिए?
4. हम गुंडो से डरते है, क्योंकि वो गुंडे है? पर पुलिस से डरते है, क्योंकि वो वर्दी वाले गुंडे है?
5. जब वरीय पुलिस अधिकारी ही मां बहन की गाली देकर बात करेंगे तो सड़क चलते मवाली और पुलिस में क्या अंतर है?
6. क्या सामान्य लोगों का कोई रेस्पेक्ट नहीं, कोई मोरल वैल्यू नहीं?
7. आज चुटिया थाना प्रभारी और सिटी डीएसपी की वजह से मेरे पापा और मम्मी अकेले बेटे को खो दिये, मेरी चार दीदी राखी से पहले अपने भाई को खो रही है?
8. क्यों ऐसा होता है हमारे देश में?
क्या हमें आजादी से जीने का हक नहीं है? कौन सुनेगा हमारी? आज मैं अपने पापा को थाने में अकेले छोड़ कर निकल आया, आत्महत्या करने के लिए और मुझे पता नहीं कि उनके साथ क्या किया गया होगा? कौन साथ देगा हम जैसे सामान्य लोगों को? कब तक मेरे जैसे लड़के पुलिस की टार्चर से सुसाइड करेंगे? वो अधिकारी है तो उनको बोलनेवाला कोई नहीं है? कहां गये हमारे मोदी जी, कहां गये मानवाधिकार वाले? कहां गये,
हमारे झारखण्ड के सीएम?
9. मैरी मौत की वजह सुसाइड नहीं,
मर्डर है,जिसका पुरा रिस्पांसबिलिटी चुटिया थाना प्रभारी और डीएसपी का है,
उनलोगों ने एक रात में रावण राज की याद दिला दी, मैंने ऐसा फेस नहीं देखा था, कभी प्रशासन का।
*सरोज आत्महत्या प्रकरण में मुख्यमंत्री ने 24 घण्टे के अंदर जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दिया निर्देश।*
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शिव सरोज कुमार के सुसाइड नोट वाले प्रकरण पर राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है कि 24 घंटे के भीतर इस पूरे मामले की जांच कराते हुए दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें। यदि पुलिस के पदाधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उनके विरुद्ध भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री शिव सरोज कुमार की आत्महत्या की घटना से बहुत व्यथित हैं तथा शोक संतप्त परिवार के प्रति उन्होंने गहरी संवेदना प्रकट की है।
पूरे मामले की जांच CID के एडीजी अजय कुमार सिंह कर रहे हैं मुख्यमंत्री ने कहां की पूरी निष्पक्षता के साथ जांच होनी चाहिए।
ज्ञात हो कि शिव सरोज कुमार ने ईमेल के द्वारा भेजे अपने सुसाइड नोट में चुटिया थाना प्रभारी और सिटी डीएसपी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है और उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
*आत्महत्या नही हत्या हैं यह,निर्दोष शिव सरोज की आत्महत्या का जिम्मेदार कौन*
रांची के चुटिया थाना प्रभारी और सिटी डीएसपी पर धारा- 302 लगाया जाये एवं आजसू पार्टी इसको लेकर आंदोलन करेगी एवं जल्द से जल्द अविलंब करवाई हो मंटू महतो, धनबाद जिला अध्यक्ष आजसू पार्टी।
शिव सरोज के परिवार के साथ आजसू पार्टी, धनबाद उनके साथ हैं।
धनबाद के निर्दोष शिव सरोज और उसके पिता को रांची के चुटिया थाना प्रभारी और सिटी डीएसपी द्वारा माँ बहन की गालियों और जेल भेज कैरियर बिगाड़ने कि धमकियो से प्रताड़ित किया गया और उनके फ़ोन छीनकर उनके फ़ोन से उनके बहन बेटियो के नंबर निकाल उन्हें फ़ोन करके उल्टा सीधा बोला गया।
एक बेटा अपने सामने अपने पिता को अपमानित होते हुए देखता रहा।
इस प्रताड़ना के कारण निर्दोष शिव सरोज ने – रांची के सेवा सदन अस्पताल के पास पार्किंग में पेड़ पर फाँसी लगाकर की आत्महत्या।एक प्रकार से इस घटना से सवाल खड़े हो चुके हैं।जनता जवाब जानना चाहेगी कि आखिर इस घटना के लिए कौन कसूरवार हैं?क्या पुलिस सच मे जनता के साथ दुर्व्यवहार करती हैं।अगर यह सब सच हैं।तो सुधार की सख्त जरूरत हैं।क्योंकि,आज एक घटना घटी हैं।कल कई घटनाएं घटेगी।फिर लोकतंत्र में क्या बचेगा।जनता के वोट से सरकारे बनती हैं।पुलिस प्रशासन जनता के लिए होती हैं।
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