एसिड पीड़ित महिला का दर्द नुकड़ नाटक के जरिये छात्रों ने उभारा। क्लिक करें और जाने।

धनबाद। मैं उसे दोस्त समझती थी…वो मुझसे प्यार कर बैठा। मेरी ना उसे इतनी नागवार गुजरी कि उसने मेरा चेहरा एसिड से जला दिया। एसिड ने तो कुछ समय के लिए दर्द दिया लेकिन उसके बाद समाज, कानून और पुलिस ने जो दर्द दिया उसकी टीस कभी खत्म नहीं होगी। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यह दर्द एसएसएलएनटी की छात्राओं ने सभी के सामने रखी।
गुरुवार को कॉलेज परिसर में बीएड छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया था। इसमें एक एसिड एटेक से पीड़ित लड़की के दर्द को उभारा गया। नाटक के माध्यम से दिखाया गया कि कैसे एक लड़का, एक लड़की से प्यार का इजहार करता है। लेकिन लड़की उसे ठुकरा देती है। लड़के के दोस्त उसपर हंसते हैं तो वह उसके चेहरे पर तेजाब फेंकने की धमकी देता है। वह लड़की घर पर अपनी मां को यह बताती है तो मां भी कहती है कि पढ़ाई छोड़ दे घर पर बैठ जा। मां की बात नहीं मानते हुए पढ़ाई जारी रखती है। उस लड़के ने एसिड फेंककर उसके चेहरे को जला देता है। मामला पुलिस में पहुंचता है। लेकिन एफआइआर के बाद भी वह छूट जाता है। समाज भी उसपर कार्रवाई के लिए दबाव नहीं बनाता। नाटक के माध्यम से दिखाया गया कि कैसे घर से लेकर कानून तक उस लड़की का साथ किसी ने नहीं दिया। कॉलेज की प्राचार्य मीना श्रीवास्तव ने कहा कि अब हर माह एक सामाजिक मुद्दे पर नुक्कड़ का आयोजन होगा।

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