विस्फोट में मारे गए 45 वर्षीय एएसआई अशरफ कुरैशी।
हजारीबाग। गिरिडीह के सरिया थाना परिसर विस्फोट में मारे गए हजारीबाग जिला बल के एएसआई 45 वर्षीय अशरफ कुरैशी के घर और मुहल्ले में मातम छा गया है। अशरफ कुरैशी चार भाइयों में सबसे बड़े थे। पिता के इंतकाल के बाद घर और परिवार की बड़ी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी। इस हादसे के बाद अशरफ कुरैशी का परिवार टूट गया है।
-मोहल्ले के लोगों ने कहा उन्होंने कठिन संघर्ष कर पुलिस में नौकरी पाई थी। कराटे में ब्लैक बेल्टर और बम निरोधक दस्ते के प्रमुख सदस्य रहने के कारण ये तकनीकी रूप से काफी स्ट्रॉंग थे।
-अशरफ कुरैशी का पुराना मकान शहर के चिश्तिया मुहल्ला के वार्ड 16 में है और नया मकान वार्ड 17 में है। पत्नी गुलशन परवीन का रो-रो कर बुरा हाल है। मुहल्ले की महिलाएं उन्हें ढाढ़स बंधा रही हैं।पत्नी बात करने की स्थिति में नहीं हैं।
-छोटे भाई अफसर कुरैशी ने बिलखते हुए बताया कि पिता के इंतकाल के बाद अशरफ भाई ने हमलोगों को कभी पिता की कमी महसूस नहीं होने दिया।
*घटना की सूचना पाते ही मुहल्ले के लोगों की लगी भीड़*
-इस हादसे की खबर पाते ही मुहल्ले के लोग अशरफ कुरैशी के चिश्तिया मुहल्ला स्थित आवास पर पहुंच गए। बच्चे,बुजूर्ग,महिलाएं सभी पहुंचे और इस हादसे पर दु:ख प्रकट कर रहे थे।
-सभी कह रहे थे कि परिवार और समाज ने एक नेक इंसान खो दिया है। हजारीबाग के अलावा चतरा,कोडरमा और रामगढ़ जिले में इन्होंने बच्चों को कराटे का प्रशिक्षण दिया था,जिस कारण पुलिस से ज्यादा एक कराटेकार के रूप में अशरफ कुरैशी की पहचान थी।
नेशनल टुडे लाइव सच के सात सच की बात।
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