खोरठा संगीत का सफर मेरे लिए इतना भी आसान नहीं था-सतीश दास।

-युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)
“”जब तक जीवन हैं संगीत से जुड़ा रहूँगा-सतीश””खोरठा संगीत की दुनिया में अपने सुपरहिट गीतों की बदौलत गायक सतीश पुरे झारखण्ड में प्रसिद्ध हैं।कोई खोरठा भाषी क्षेत्र ऐसा नहीं होगा।जो सतीश के गीतों में नहीं झुमा हो।इनके मधुर गीतों का जादू इस कदर फैला हुआ हैं कि आज भी हर जगह इनके गीत सुने जाते हैं।यूँ तो संगीत का शौक बचपन से ही रहा हैं।लेकिन,पापा के देहांत के बाद घर की स्तिथि काफी बिगड़ गयी।जिसके कारण घर परिवार की सारी जिम्मेदारी इन्हीं पर आ गयी।घर परिवार का खर्च चलाने के लिए दशवी के बाद से ही इन्होंने विभिन्न म्यूजिकल ग्रुप के साथ कार्यक्रम करने लगे।

म्यूजिकल प्रोग्राम करते हुए।जब कई साल बीत गए।तो फिर इन्होंने संगीत की शिक्षा लेनी शुरू की।इनके संगीत गुरु एस डी बर्मन रहें हैं।इनसे कई वर्षों तक संगीत सीखते रहे।पर शादी के बाद थोड़ा व्यस्त होने के कारण संगीत की शिक्षा छोड़ दिए।लेकिन,इनके मन में आज भी सीखने की इच्छा हैं।संगीत शिक्षा के बाद कुछ म्यूजिक एल्बम बनाने की सोचे।पर सबसे बड़ी समस्या थी पैसे की।तो इन्होंने पैसे उधार लेकर अपना पहला ऑडियो कैसेट ऐ माई री बनाया।जो मैटी ऑडियो के द्वारा रिलीज़ किया गया।संयोगवश यह एल्बम मार्केट में नहीं चला।लेकिन,सतीश का मनोबल कम नहीं हुआ।आगे काम जारी रखतेे हुुए कई एल्बम बनाते रहे।पर सुपरहिट का सिलसिला तोर हमर जोड़ी से शुरू हुआ।जो लगातार जारी रहा।

जैसे तोर दीवाना,प्यार के मोती,प्रेम सन्देश,प्रेम जोड़ी,मन्दाकिनी,रंगीला आदि इस तरह के कई एल्बम ऐसे हुए।जो काफी सुपरहिट रहें।इसके अलावे इन्होंने कई फिल्मों के लिए भी गीत गाये।जैसे झारखंडी हीरो,हमर देहाती बाबु आदि फिल्मों के लिए गाये।इस तरह से इन्होंने भी खोरठा गीत संगीत का एक ऐसा दौर जीया।जब इन्हें खोरठा गीत संगीत में दर्शकों ने सुपरस्टार का दर्जा दिया।फिर धीरे धीरे माहौल कुछ ऐसा हुआ कि खोरठा गीत संगीत का बाजार एक दम से कम हो गया।अगर कुछ काम भी हो रही हैं।तो वह ज़्यादा हिट नहीं हो पा रही हैं।इसका कारण कुछ ऐसा हैं कि उस समय सीडी कैसेट की बिक्री हुआ करती थी।जो बाजार में आसानी से मिल जाती थी।लेकिन आज का दौर पूरी तरह से ऑनलाइन डिजिटल मार्केट हो चूका हैं।जिसके पास एंड्रॉइड मोबाइल हैं।वही खोरठा भाषी खोरठा गीत संगीत सुन रहे हैं।अगर कुछ हिट क्षेत्रीय फ़िल्में बनती हैं।जो सुपरहिट हो।तभी हो सकता हैं खोरठा गीत संगीत का दौर वापस आये।

सतीश ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी माँ को दिया।इनका कहना हैं कि इनकी माँ ने हमेशा सतीश जी का साथ दिया हैं।कभी भी मनोबल कम नहीं होने दिया।युवा कलाकारों को इनका सन्देश हैं कि पूरी ईमानदारी के साथ काम करें।तभी सरकार और बिजनेसमैन मदद के लिए आगे आयेंगे।खोरठा गीत संगीत में इनके योगदान के लिए झारखण्ड सरकार और कई अन्य सम्मान से भी सम्मानित हो चुके हैं।

Call Or Whatsapp For News Interview & Advertisement 08507209276. 

3,068 total views, 1 views today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *