मजबूरी है सर नही तो ढुल्लू भैया हमलोग से खफा हो जायेंगे। क्लिक करें और जाने ढुल्लू की दबंगई के बारे में।

धनबाद :एक सच्चाई आप के सामने,”ढुलु आखिर कैसे विधायक ?
आज ढुलु के पीछे युवाओं की एक बडी फौज है इससे इंकार नहीं किया जा सकता ठीक वैसे ही जैसे किसी बडी लूट को अंजाम देने के लिए बहुत सारे लोगो की जरूरत होती है । आखिर ये युवा क्यों और कैसे जुडते है ढुलु के अधीनस्थ संगठन से । ढुलु से जुडे ज्यादा तर युवाओं पे दो चार मामले दर्ज है फिर भी ढुलु के आधिपत्य में ही अपना सर झुकाते है क्योंकि पहले उनके पास रोजगार नहीं था और ढुलु को अपने क्षेत्र के हर कोलियरी में अपना शासन कायम करने के लिए युवाओं की बडी फौज चाहिए थी और इस तरह शुरु हुआ काली कमाई पे अपना कब्जा काबिज करने का खेल । आज स्थिति ये है कि बाघमारा के किसी कोलियरी में बिना ढुलु की इजाजत के पत्ता भी नहीं हिलता जिसका ताजा उदाहरण आकाशकिनारी कांटा पे हुई घटना है । इससे पहले भी बहुत से उदाहरण है शेर बहादुर सिंह, चंदेल इत्यादि । आज पूरे बाघमारा में कारोबार कोई भी हो कब्जा ढुलु का ही है, हर काम में हिस्सेदारी हैं । इनकी गरीबों के प्रति दरियादिली और रोबिनहुड बनने की लालसा के पीछे भी यही सच छुपा है कि लोग इन्हें दरियादिल माने पर ये दरियादिली भी इनकी कूटनीति का ही एक हिस्सा है ।
राजनीति में वोट से जीतने का ये मतलब कदाचित् नहीं माना जा सकता कि आप एक अच्छे जनप्रतिनिधि है क्योंकि देश में कई ऐसे बाहुबली हुए और है जो कि चुनाव जीते पर उन्हे अंततः अपने किये का खामियाजा भुगतना पडा जिनमें लालू और शहाबुद्दीन ताजा उदाहरण हें । जहाँ तक जातिवाद की बात है तो ढुलु इस मामले में जरा बारीकी से काम लेते है और किसी को ये नहीं महसूस कराना चाहते कि जातिवाद और क्षेत्रवाद उनमें कूट कूट कर भरा है । इनसब से हट के अगर इनके व्यक्तित्व की बात करें तो हमेशा इनकी कोशिश रही है कि वो खुद को अच्छा साबित करें, साबित करने की जरूरत उन्हे ही पडती है जो वैसा न हो ।
ऐसा नहीं है कि बाघमारा के लोगों की जीवन शैली में कोई बदलाव हुआ ढुलु के कारण पर इनका खौफ इतना है कि कोई भी नया धंधा बिना इनकी हिस्सेदारी के शुरु नहीं किया जा सकता ।
सबसे गौर करने वाली बात ये है कि आज जिस युवाओं की फौज को ढुलु की सफलता माना जा रहा क्या सच में ढुलु उन युवाओं के हितैषी है ? क्या उनके साथ युवाओं के जीवन से एक बहुत बडा खिलवाड़ नहीं किया जा रहा ? मैं भी मानता ये बात अगर वो किसी गरीब युवा को अपने काली कमाई में सहयोगी न बना कर पढने और उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए सहयोग करते क्योंकि आज जुड़े युवाओं को जीवन भर तो ये रोजगार दे नहीं सकते फिर एक उम्र के बाद आनी वाली बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार कौन हैं । युवाओं को रोजगार देने वाले महान हस्ती की हकीकत ये है कि 13000 में से 9000 ही दिया जाता है बाकी पैसा विधायक की झोली में जाता है ।
सबसे बडी बात कि पत्रकारिता जगत को भी स्वतंत्रता नहीं लिखने इसका उदाहरण कई बार देखने को मिला जैसे जब प्रभात खबर के कार्यालय पर हमला हुआ या एक पत्रकार पे हाल में ही आकाशकिनारी में जानलेवा हमला हुआ । कुछ ढुलु के प्रशंसक कहते है कि वो लूट रहा तो बांट भी रहा वैसे तो बांटने का प्रतिशत काफी कम हे फिर भी इसकी समीक्षा करें तो लूट को किसी भी कारण हेतु जायज कैसे ठहराया जा सकता है ये तो वही बात हुई कि बलात्कारी पीडित से शादी करने की बात कहें और सजा से बच जाय ।
खैर इन सब से अलग एक आखिरी बात सदा न रहा है सदा ना रहेगा हुकूमत किसी का ।

धनबाद का नंबर 1 न्यूज पोर्टल।
नेशनल टुडे लाइव सच के साथ सच की बात।

2,839 total views, 1 views today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *