पत्रकारों की मौत को अनदेखी कर रही सरकार।

हमारे भारत में पत्रकार को मारना एक दम आसान हो गया। कोई भी पत्रकार को आसानी से मार कर निकल जा रहा है। और सब तमाशा देख रहे है। कहाँ गए वो नेता कहाँ गए वो पब्लिक कहाँ गए फिल्म स्टार जब उनको इनकी जरवत पढ़ती है पत्रकार अपना बखूबी से काम कर उनको स्टार बना देते है। हर कोई के दुःख पत्रकार साथ रहता है। भूखे प्यासे सब के लिए लड़ता है। उसका इनाम मिलता है, मौत पत्रकार पर ये पहला वार नही हुआ आये दिन पत्रकार को निशाना बनाया जा रहा है। जब पत्रकार को जान ही मारना है ,तोह चौथा स्तंभ किस लिए उसे खत्म किया जाए। पत्रकार वही है जो गलत चीज पे आवाज उठाये, जो गलत इन्शान है उनके लिए तोह पत्रकार तोह डेंजर है। इसलिए पत्रकार को ही रास्ते से हटाओ।

में पूरे भारत से सवाल कर रहा हूं।
पत्रकार की जान की कोई कीमत नही है। जो पा रहा वो मार कर निकल जा रहा है। आप लोग क्यों नही आवाज उठा रहे है। बहुत शर्म की बात है। पत्रकार अपने लिए नही जीता दूसरों के लिए वो जीता है। हमारे भारत मे पत्रकार की जान की कोई कीमत नही है।
में भी पत्रकार हु बहुत दर्द में लिख रहा हु। में सरकार से अपील कर रहा हूँ पत्रकार के लिए पूरी सुरक्षा करवाये नही तोह चौथा स्तंभ को बंद कर दे। अगर सरकार पत्रकार की जान की सुरक्षा नही कर पाए तोह सरकार किस काम के लिए।
आये दिन पत्रकार पे हमला धमकी जान मार दिया जा रहा है।
समाज को पत्रकारों की जरूरत पढ़ती है पत्रकार उनका काम करते है।
पत्रकार भी किसी का बेटा है। किसी का हसबेंड है, भाई भी पिता भी होता है।
जालिमों पत्रकार को मारना बंद करो।
हिंदुस्तान के पत्रकार नवीन को गोली मार कर हत्या। सभी लीग चुप बैठे है। बहुत शर्म की बात है।

धनबाद से सरताज की रिपोर्ट।   

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