कैंसर मैं करेगा काम ये तीन रुपये की गोली क्लिक करें और जाने।

NTL NEWS . CON:7909029958 . SANTOSH                                                                                        YADAV

नई दिल्ली। एस्प्रिन और आइबूप्रोफेन जैसी सामान्य प्रयोग वाली कुछ दवाइयां कैंसर के मरीजों की उम्र बढ़ाने में भी मददगार हो सकती हैं। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में यह बात सामने आई है। शोध के दौरान इन नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआइडी) को सिर और गर्दन के कैंसर के कुछ मामलों में कारगर पाया गया। हालांकि इन दवाओं का असर उन्हीं मरीजों में देखा गया जिनके कैंसर में विशेष जीन की उपस्थिति थी।

शोधकर्ताओं ने कहा कि यह पहला शोध है जिसमें इन दवाओं के इस लाभ का प्रमाण मिला है। यह भविष्य में टार्गेटेड थेरेपी के दौरान कुछ मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। प्रोफेसर जेनिफर आर ग्रांडिस ने कहा, ‘इन दवाओं का मजबूत असर देखा गया है। निसंदेह इससे भविष्य में नया रास्ता खुल सकता है।’

*जानिए क्या है कैंसर*
जन्म से लेकर मृत्यु तक व्यक्ति की कोशिकाओं में कई तरह के बदलाव आते हैं। पुरानी कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं और नई कोशिकाएं यानि सेल्स जन्म लेते हैं। हमारे शरीर में रेड और व्हाइट दो तरह के सेल्स होते हैं जो शरीर को सुचारू रूप से चलाने का काम करते है। मगर कैंसर होने की स्थिति में यह सेल्स जरूरत से ज्यादा बढ़ने लगते हैं। इससे ही शरीर में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी जन्म लेती है।

 

*कैंसर के प्रकार*
कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है। सेल्‍स की अनियंत्रित वृद्धि के कारण कैंसर होता है। बोन मैरो कैंसर, पेट का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्‍ट कैंसर, मुंह का कैंसर आदि कैंसर के प्रमुख प्रकार हैं।

सिर और गर्दन पर होने वाला कैंसर इस क्षेत्र में होने वाले ट्यूमर से फैलता है। ये कैंसर ओरल कैविटी, ग्रसनी, गला, नाक कैविटी, पैरानेजल साइनस, थायराइड और सेलिवेरी ग्‍लैंड में होता है। सिर और गले में होने वाला कैंसर दुनिया में होने वाला पांचवें नंबर का कैंसर है। यह दुनिया के उन क्षेत्रों में ज्‍यादा होता है, जहां अधिक मात्रा में तंबाकू और अल्कोहल का सेवन किया जाता है।

*सिर और गले के कैंसर के कुछ लक्षणों में*

मुंह में सूजन अथवा मुंह से खून आना
गले में सूजन
निगलने में परेशानी
आवाज का कर्कश होना
लंबे समय से चली आ रही खांसी अथवा खांसी के साथ खून आना
गर्दन पर गांठ
कान में दर्द, सुनायी देना बंद होना अथवा कान में घंटियां बजते रहना
*गले और सिर के कैंसर के जोखिम कारकों को कम करने के लिए अपनायें ये उपाय*

धूम्रपान और तंबाकू के अन्‍य उत्‍पादों का सेवन छोड़कर
एल्‍कोहल के सेवन को कम करके
मारिजुआना का सेवन न करके
एसपीएफ युक्‍त सनस्‍क्रीन और लिप बाम का इस्‍तेमाल करके
अधिक सेक्‍स पार्टनर होने से एचवीपी वायरस का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपने पार्टनर के पति वफादर रहकर भी इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।
*निदान*
इस बीमारी के कारणों का निदान करने के लिए डॉक्‍टर शारीरिक जांच के साथ ही अन्‍य जांच भी करता है। शारीरिक जांच के दौरान डॉक्‍टर एक छोटा शीशा और/अथवा रोशनी के जरिये मुंह, नाक, गले, गर्दन और जीभ की जांच करता है। इसके साथ ही डॉक्‍टर मरीज के गले होंठ, मसूड़ों और गालों पर किसी प्रकार की संभावित गांठ की भी जांच कर सकता है। इसके अलावा सिर और गले के कैंसर का पता लगाने के लिए एंडोस्‍कोपी, एक्‍स-रे, सीटी स्‍कैन, एमआरआई, पीईटी स्‍कैन के साथ ही रक्‍त, मूत्र और अन्‍य प्रयोगशालीय जांच भी करने की सलाह दे सकता है।

*इलाज*
सिर और गले के कैंसर का इलाज ट्यूमर की स्थिति, पोजीशन, चरण और मरीज की सेहत पर निर्भर करता है। इलाज की प्रक्रिया में मुख्‍य रूप से एक अथवा अधिक उपाय उपयोग किये जा सकते हैं।

नेशनल टुडे लाइव

www.nationaltodaylive.com

1,268 total views, 2 views today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *