*इन्सानियत की बेजोड़ मिशाल सोहराब खान और अजय लाल ने दिखाया।

*आज सुबह करीब 9 बजे नया बाजार से सरताज़ और जावेद ने फोन करके बताया कि नया बाज़ार मरीना इन होटल के पास वाली गली में एक बुजुर्ग पुरुष की मौत हो गई है(डेथ बॉडी लावारिश स्थिति में पड़ी हुई है)…उनके आगे पीछे कोई नही था…वो दरवाज़े दरवाज़े माँग खा कर अपनी ज़िन्दगी गुजर बसर करते थे…मैं(सोहराब खान) तुरंत अपने सहयोगी बड़े भाई अजय नारायण लाल के साथ वहाँ पहुँच गया और बैंक मोड़ थाना प्रभारी सह-इंस्पेक्टर श्री शमीम अहमद खान को इसकी सूचना दी…उन्होंने तुरन्त PCR नया बाज़ार रवाना किया और सब-इंस्पेक्टर श्री फिलिप मिंज़ ने मृत बुजुर्ग का पंचनामा किया और प्रसाशनिक करवाई पूरी की और प्रसाशनिक अनुमति मिलने के बाद…मृत बुजुर्ग की धार्मिक शिनाख्त करने के बाद पूरे मुस्लिम रीति-रिवाज़ के साथ…रंगाताण्ड कब्रस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया…आज जहाँ भाग-दौड़ की ज़िन्दगी में लोगों के पास वक़्त नही है वहीं मेरे सहयोगी बड़े भाई श्री अजय नारायण लाल…सरताज़ खान..जावेद आलम और अफ़रोज़ ने अपना बहुमूल्य 5 घन्टे मेरे साथ इन्सानियत धर्म निभाने ले डाँटे रहे और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने के लिए बड़े भाई जनाब जावेद खान साहब और श्री विकास कांधवे जी का ह्रदय से आभार प्रकट करता हूँ…बड़े भाई अजय नारायण लाल का नाम सोहराब खान के नाम से साथ जुड़ जाने के बाद खुद-बा-खुद धर्म की दीवार गिर जाती है…धर्म और मज़हब किया होता है ये बात हम कभी नही जान पाए बस माँ पापा ने इतना सिखाया है कि इन्सानियत के बड़ा कोई धर्म नही होता….इन्सानियत निभाने से बड़ा कोई कर्तव्य नही होता…खुदा ईश्वर का बेहद शुक्रगुज़ार हूँ कि इस इन्सानियत के काम के लिए हम सब को चुना।

रिपोर्ट: सरताज खान

छायाकार: संतोष यादव

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